euphoria
Wednesday, January 7, 2009
बाज आ जाओ
मजहब के अफीमचियों
विध्वंस के पुजारियों,
इंसानियत के हत्यारों,
बाज आ जाओ।
मुंबई ने लिख दी है
आतंक के भाल पर
नयी इबारत।
हम कायर नहीं,
इस क्रूर धर्मान्धता का,
दुनिया देखेगी,
हमारा प्रतिशोध।
मुगालते में हो,
बाज आ जाओ।
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